कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination )
कृत्रिम गर्भाधान वह प्रक्रिया है जिसमें उच्च नस्ल के नर पशु (बैल या सांड) का वीर्य (semen) एकत्र कर उसे मादा पशु (गाय या भैंस) के गर्भाशय में कृत्रिम तरीके से प्रविष्ट कराया जाता है ताकि उसका गर्भ ठहर सके।
कृत्रिम गर्भाधान की उपयोगिता / महत्व
1. उच्च नस्ल का विकास:
साधारण नस्ल की गाय-भैंसों से भी अच्छी नस्ल के बछड़े प्राप्त किए जा सकते हैं।
2. उत्पादन में वृद्धि:
दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों बढ़ती है क्योंकि श्रेष्ठ जर्मप्लाज्म (genetic material) का उपयोग होता है।
3. रोगों से सुरक्षा:
प्राकृतिक मैथुन के दौरान फैलने वाले कई रोग (जैसे ब्रूसेलोसिस, ट्राइकोमोनियासिस आदि) से बचाव होता है।
4. लागत में कमी:
हर गांव में सांड पालने की जरूरत नहीं रहती; केवल एक तकनीशियन ही सैकड़ों पशुओं को गर्भाधान करा सकता है।
5. समय और सुविधा:
पशु के हीट में आने पर किसी भी समय गर्भाधान किया जा सकता है, जिससे समय की बचत होती है।
6. नस्ल सुधार कार्यक्रमों में सहयोग:
सरकार की योजनाओं जैसे “राष्ट्रीय गोकुल मिशन”, “राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम (NAIP)” आदि के अंतर्गत यह महत्वपूर्ण घटक है।
कृत्रिम गर्भाधान का कोर्स करने के लाभ
1. रोज़गार के अवसर:
आप AI Technician (कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन) के रूप में सरकारी या निजी संस्थाओं, डेयरी फर्मों, एनजीओ या स्वयं के व्यवसाय में काम कर सकते हैं।
2. स्वरोजगार:
ग्रामीण क्षेत्रों में AI सेवा केंद्र खोलकर प्रति गर्भाधान 100–300 रुपये तक शुल्क लेकर स्थायी आय अर्जित की जा सकती है।
3. पशु मालिकों में पहचान:
किसान वर्ग में विश्वसनीयता और सम्मान बढ़ता है क्योंकि यह अत्यंत उपयोगी सेवा है।
4. सरकारी योजनाओं में अवसर:
कई योजनाओं में प्रशिक्षित AI कार्यकर्ताओं को अनुबंध या स्थायी पदों पर रखा जाता है (जैसे पशुपालन विभाग, डेयरी यूनियन, FPO आदि)।
कृत्रिम गर्भाधान क्यों ज़रूरी है |
प्राकृतिक मैथुन से नस्ल सुधार बहुत धीमा होता है।
अच्छे सांड की उपलब्धता हर क्षेत्र में नहीं होती।
जीनetic सुधार और उत्पादकता बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है।
यह पशु प्रजनन के वैज्ञानिक प्रबंधन की बुनियाद है।
कोर्स की अवधि और योग्यता (सामान्य जानकारी)
अवधि: 3 से 6 महीने (कुछ संस्थान 1 वर्ष तक भी)
शैक्षणिक योग्यता: न्यूनतम 10वीं या 12वीं पास (कई जगह पशुपालन/कृषि पृष्ठभूमि को प्राथमिकता)
सिखाई जाने वाली बातें:
प्रजनन तंत्र की जानकारी
हीट पहचान
वीर्य संभालना और उपयोग
रिकॉर्ड रखना
पशुओं की देखभाल और पोषण