रोजमेरी क्या है?
- रोजमेरी एक सुगंधित झाड़ीदार औषधीय पौधा है।
- इसका वैज्ञानिक नाम Salvia rosmarinus (Rosmarinus officinalis) है।
- यह पुदीना परिवार (Lamiaceae) का पौधा है।
- पत्तियाँ सुई जैसी होती हैं, जिनसे तेज़ खुशबू और स्वाद आता है।
- यह भूमध्यसागरीय देशों (Mediterranean region) से आया है, लेकिन भारत में भी अब आसानी से उगाया जा सकता है।
रोजमेरी का उपयोग (Uses of Rosemary)
✅ खाद्य उपयोग
- मसाले के रूप में सब्ज़ी, सूप, पिज़्ज़ा, पास्ता और मांसाहारी व्यंजनों में।
- रोजमेरी का तेल और पाउडर मसाले के रूप में इस्तेमाल।
✅ औषधीय उपयोग
- पाचन में सुधार करता है।
- याददाश्त और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाता है।
- सिरदर्द और तनाव कम करता है।
- एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण।
✅ कॉस्मेटिक और अन्य उपयोग
- रोजमेरी ऑयल बालों की ग्रोथ और डैंड्रफ कम करने के लिए।
- साबुन, शैम्पू, क्रीम और इत्र में।
- कमरे की खुशबू (Aromatic Herb) के लिए।
रोजमेरी की खेती (Cultivation of Rosemary)
जलवायु (Climate)
- हल्की ठंडी और शुष्क जलवायु में अच्छी होती है।
- तापमान 15°C–30°C आदर्श है।
- बहुत अधिक ठंड और अधिक गर्मी दोनों नुकसानदायक।
मिट्टी (Soil)
- अच्छी जल-निकासी वाली बलुई दोमट या रेतीली मिट्टी।
- pH 6–7.5 उपयुक्त।
- जलभराव वाली मिट्टी में न लगाएँ।
रोपाई (Planting)
- रोजमेरी बीज से धीमी गति से उगती है, इसलिए कटिंग (stem cuttings) से लगाना आसान और सफल होता है।
- 10–15 सेमी लंबी स्वस्थ टहनियों की कटिंग लें।
- इन्हें गमले या सीधे खेत में लगाएँ।
- कतार से कतार दूरी: 60 सेमी, पौधे से पौधे की दूरी: 40–50 सेमी।
बुवाई का समय (Season)
- फरवरी–मार्च या अगस्त–सितंबर।
रोजमेरी की देखभाल (Care & Management)
सिंचाई (Irrigation)
- रोजमेरी को कम पानी की जरूरत होती है।
- गर्मी में हर 7–10 दिन पर हल्की सिंचाई।
- सर्दियों में बहुत कम पानी दें।
- ओवरवॉटरिंग से जड़ सड़ जाती है।
खाद (Fertilizer)
- गोबर की खाद/कम्पोस्ट अच्छी रहती है।
- बहुत ज्यादा रासायनिक खाद की जरूरत नहीं।
- साल में 2 बार जैविक खाद डालना पर्याप्त है।
खरपतवार और छंटाई (Weeding & Pruning)
- खरपतवार समय पर हटाएँ।
- हर 6–7 महीने पर हल्की छंटाई (Pruning) करें → पौधा झाड़ीदार और स्वस्थ रहेगा।
रोग और कीट (Pests & Diseases)
- पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery mildew) और एफिड्स (Aphids) आ सकते हैं।
👉 नीम तेल का छिड़काव करें। - पानी कम दें, ताकि जड़ गलन न हो।
फसल और कटाई (Harvesting)
- पौधा 6–8 महीने में तैयार हो जाता है।
- पत्तियाँ जब हरी और सुगंधित हों तब तोड़ सकते हैं।
- हर 2–3 महीने में पत्तियाँ तोड़कर बाज़ार में बेच सकते हैं।
- पौधा 5–6 साल तक लगातार पत्तियाँ देता है।
उत्पादन और मुनाफा (Yield & Profitability)
- पत्तियाँ: 80–100 क्विंटल/हेक्टेयर (सूखी पत्तियाँ)।
- तेल उत्पादन: 40–50 किलो/हेक्टेयर।
- रोजमेरी ऑयल का भाव: ₹4,000–₹8,000 प्रति किलो।
- पत्तियों का भाव: ₹200–₹400 प्रति किलो (सूखी)।
👉 एक हेक्टेयर से सालाना आमदनी ₹3–5 लाख तक हो सकती है।
👉 कम लागत, लंबी अवधि और लगातार उत्पादन देने वाली फसल है।
खास सावधानियाँ (Precautions)
- जलभराव से बचाएँ।
- पौधों की छंटाई समय-समय पर करें।
- बहुत ठंड और बहुत गर्मी में सुरक्षा दें।
- अच्छी धूप वाले स्थान पर लगाएँ।
🌱 निष्कर्ष
रोजमेरी एक सुगंधित औषधीय और मसालेदार पौधा है।
इससे किसान तेल, सूखी पत्तियाँ और हर्बल उत्पाद बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
यह पौधा एक बार लगाने पर कई साल तक उत्पादन देता है और कम देखभाल वाली कैश क्रॉप है।