बकरी पालन
बकरियों का पालन दूध, मांस, ऊन और खाद के उत्पादन के लिए किया जाता है। भारत में इसकी मांग बहुत अधिक है, खासकर मांस के लिए।
🌟 फायदे
- कम लागत – ज्यादा मुनाफा।
- बकरी का दूध औषधीय गुणों से भरपूर होता है।
- मांस की हमेशा बाजार में मांग रहती है।
- बकरी की खाद खेतों के लिए बहुत उपयोगी।
- छोटे किसान और भूमिहीन लोग भी आसानी से शुरू कर सकते हैं।
🏡 कैसे करें बकरी पालन?
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नस्ल का चुनाव (Breed Selection)
- सिरोही, जमुनापारी, बीटल, बरबरी, ब्लैक बंगाल, टोटापरी, सानेन (दूध वाली)।
- नस्ल का चुनाव आपके उद्देश्य (दूध या मांस उत्पादन) पर निर्भर करता है।
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शेड/आवास
- सूखा और हवादार शेड होना चाहिए।
- फर्श ईंट/सीमेंट का हो और पानी निकासी अच्छी हो।
- एक बकरी के लिए 10–12 वर्ग फीट जगह आवश्यक।
- बारिश और ठंड से बचाव का इंतजाम करें।
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भोजन (Feed)
- हरा चारा (नेपियर घास, बरसीम, लुसर्न)।
- सूखा चारा (भूसा, पुआल)।
- दाना (चना, मक्का, चोकर, खली)।
- खनिज मिश्रण + नमक आवश्यक।
- दूध देने वाली और गर्भवती बकरी को अधिक पौष्टिक भोजन दें।
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पानी
- हमेशा साफ और ताजा पानी उपलब्ध होना चाहिए।
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प्रजनन (Breeding)
- 1 नर बकरी (बकरा) 25–30 मादा बकरियों के लिए पर्याप्त।
- बकरियाँ हर 8–9 महीने में बच्चे देती हैं।
- अक्सर जुड़वाँ बच्चे पैदा होते हैं।
🐛 रोग प्रबंधन
- समय पर टीकाकरण (PPR, FMD, ET, Goat Pox)।
- कीड़े निकालने की दवा (डिवार्मिंग) हर 3 महीने में दें।
- बाड़े की नियमित सफाई करें।
- बीमार बकरी को तुरंत अलग करें।
⏳ उत्पादन
- दूध: अच्छी नस्लें प्रतिदिन 2–4 लीटर दूध देती हैं।
- मांस: 8–10 महीने में 20–30 किलो वजन की बकरी बाजार में बिकने लायक हो जाती है।
- खाद: 1 बकरी साल में 2–3 क्विंटल खाद देती है।
💰 मुनाफा (एक उदाहरण – 50 बकरियों का फार्म)
- खर्च (बकरी खरीद, चारा, दवा, मज़दूरी) = ₹4–5 लाख
- उत्पादन/बिक्री:
- 50 बकरी × औसत वजन 25 किलो × ₹500/kg = ₹6,25,000
- दूध व खाद से अतिरिक्त आय = ₹50,000–₹1,00,000
- कुल आय = ₹7–7.5 लाख
- शुद्ध मुनाफा = ₹2.5–3 लाख (1 साल में)
📝 ध्यान देने योग्य बातें
- हमेशा स्वस्थ और अच्छी नस्ल की बकरी खरीदें।
- बकरियों को खुले में चराने + शेड में खिलाने की सुविधा दें।
- समय-समय पर दवा और टीकाकरण कराएँ।
- बाजार की मांग को ध्यान में रखकर बकरी बेचें।
- सरकारी योजनाओं/बैंकों से लोन और सब्सिडी का लाभ उठाएँ।