खस (Vetiver)

खस क्या होता है?

  • खस एक बहुवर्षीय घासनुमा पौधा है।
  • इसका वैज्ञानिक नाम Vetiveria zizanioides है।
  • इसकी जड़ें सुगंधित होती हैं, जिनसे खस का तेल (Vetiver Oil) निकाला जाता है।
  • यह तेल परफ्यूम, अगरबत्ती, साबुन, दवा और शीतल पेय में उपयोग होता है।

खस के उपयोग (Uses of Vetiver)

औषधीय उपयोग
  • जड़ों का उपयोग ठंडक देने, बुखार और पेट संबंधी रोगों में।
  • तेल → त्वचा रोग, तनाव और अनिद्रा में राहत।
औद्योगिक उपयोग
  • खस तेल → परफ्यूम, अत्तर, कॉस्मेटिक, साबुन, अगरबत्ती।
  • खस की जड़ें → पंखा, चटाई, पर्दे बनाने में।
  • शीतल पेय “खस शरबत” बनाने में।
पर्यावरणीय उपयोग
  • मिट्टी कटाव रोकने में।
  • बंजर भूमि सुधारने और ढलान वाली जमीन बचाने में।
  • पानी शुद्ध करने और प्रदूषण नियंत्रण में।

खस की खेती (Cultivation of Vetiver)

जलवायु (Climate)
  • गर्म और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु उपयुक्त।
  • तापमान: 25°C–40°C अच्छा रहता है।
  • सूखा और गर्मी सहन कर सकता है।
मिट्टी (Soil)
  • बलुई, दोमट और काली मिट्टी उपयुक्त।
  • हल्की से भारी सभी प्रकार की मिट्टी में उग सकता है।
  • जलभराव वाली जमीन में नुकसान।
  • pH 6.5–8.0 आदर्श।
रोपण का समय (Planting Time)
  • बरसात की शुरुआत (जून–जुलाई) या फरवरी–मार्च।
रोपण विधि (Planting Method)
  • जड़ों से पौधे तैयार कर खेत में लगाते हैं।
  • कतार से कतार दूरी: 60 सेमी
  • पौधे से पौधे की दूरी: 30–40 सेमी

खाद और सिंचाई (Fertilizer & Irrigation)

  • गोबर की खाद: 8–10 टन/हेक्टेयर।
  • NPK 40:40:40 प्रति हेक्टेयर।
  • केवल शुरुआती समय में सिंचाई।
  • बाद में बरसात के पानी से पर्याप्त नमी मिलती है।
देखभाल
  • 2–3 बार निराई-गुड़ाई करें।
  • खरपतवार हटाते रहें।
  • पौधों की जड़ों को नुकसान न पहुँचाएँ।

फसल की कटाई (Harvesting)

  • रोपण के 18–24 महीने बाद कटाई।
  • पूरी फसल जड़ सहित खोदकर निकाली जाती है।
  • जड़ों को अच्छी तरह धोकर सुखाया जाता है।

उत्पादन (Yield)

  • औसतन जड़ें: 12–15 टन/हेक्टेयर
  • तेल उत्पादन: 50–60 किलो/हेक्टेयर

खस के फायदे (Benefits)

स्वास्थ्य लाभ
  • शीतलता प्रदान करता है।
  • एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट गुण।
  • तनाव और थकान कम करता है।
  • त्वचा और बालों के लिए लाभकारी।
किसानों के लिए फायदे
  • एक बार रोपण करने पर 3–4 साल तक फसल ले सकते हैं।
  • सूखा सहनशील फसल, ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं।
  • खस तेल की अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग।
  • बंजर और ढलान वाली जमीन पर भी खेती संभव।

मुनाफा (Profitability)

  • लागत: ₹35,000–50,000 प्रति हेक्टेयर (मजदूरी, खाद, सिंचाई आदि)।
  • आमदनी:
    • जड़ों की बिक्री: ₹80,000–1,00,000 प्रति हेक्टेयर।
    • तेल की बिक्री: ₹3–4 लाख/हेक्टेयर तक (क्योंकि खस तेल की कीमत ₹12,000–18,000 प्रति किलो तक जाती है)।
  • शुद्ध मुनाफा: ₹2–3 लाख/हेक्टेयर तक।

सावधानियाँ (Precautions)

  • जलभराव से बचाएँ।
  • समय पर निराई-गुड़ाई करें।
  • कटाई में जड़ों को नुकसान न हो।

निष्कर्ष

खस की खेती कम पानी, कम देखभाल और ज्यादा मुनाफे वाली फसल है।
इसका तेल परफ्यूम, अत्तर और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में सोने से भी महंगा बिकता है।
भारत में खस का निर्यात भी होता है, इसलिए किसानों के लिए यह एक बहुत लाभकारी व्यावसायिक फसल है।

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