तुलसी क्या है?
- तुलसी को पवित्र पौधा और आयुर्वेदिक औषधि माना जाता है।
- इसका वैज्ञानिक नाम Ocimum sanctum (Holy Basil) है।
- भारत में धार्मिक, औषधीय और व्यावसायिक तीनों रूपों में इसका महत्व है।
तुलसी के प्रकार
- राम तुलसी (हरे रंग की पत्तियाँ, अधिक आम)
- शाम तुलसी/कृष्णा तुलसी (बैंगनी पत्तियाँ, औषधीय गुण अधिक)
- वन तुलसी (जंगली किस्म, तेज खुशबूदार)
तुलसी का उपयोग (Uses of Tulsi)
✅ औषधीय उपयोग
- खांसी, सर्दी-जुकाम, बुखार, दमा और गले की खराश में लाभकारी।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।
- हृदय और श्वसन तंत्र के लिए फायदेमंद।
✅ धार्मिक उपयोग
- पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों में।
- घर में तुलसी लगाने से वातावरण शुद्ध माना जाता है।
✅ औद्योगिक उपयोग
- तुलसी का तेल → दवा, हर्बल चाय, कॉस्मेटिक और सुगंध उद्योग में।
- सूखी पत्तियाँ → हर्बल पाउडर और टी बनाने में।
तुलसी की खेती (Cultivation of Tulsi)
जलवायु (Climate)
- गर्म और उष्णकटिबंधीय (Tropical) जलवायु उपयुक्त।
- तापमान 20°C से 30°C आदर्श।
मिट्टी (Soil)
- दोमट या बलुई दोमट मिट्टी अच्छी रहती है।
- pH 6–7.5 आदर्श।
- जलभराव से बचाएँ।
बुआई का समय (Sowing Time)
- फरवरी–मार्च या जून–जुलाई (बरसात से पहले)।
बीज दर (Seed Rate)
- 100–120 ग्राम बीज / हेक्टेयर पर्याप्त।
रोपण विधि (Planting Method)
- बीज को नर्सरी में बोकर पौध तैयार करें।
- 30–40 दिन बाद खेत में रोपाई करें।
- कतार से कतार दूरी: 40–50 सेमी
- पौधे से पौधे की दूरी: 30–40 सेमी
खाद और सिंचाई (Fertilizer & Irrigation)
- गोबर की खाद 8–10 टन/हेक्टेयर।
- NPK 40:40:40 की मात्रा।
- 10–15 दिन के अंतराल पर हल्की सिंचाई।
- पानी का ठहराव नहीं होना चाहिए।
खरपतवार नियंत्रण
- निराई-गुड़ाई नियमित करें।
- शुरुआत में 2–3 बार करना जरूरी।
फसल की कटाई (Harvesting)
- रोपाई के 90–100 दिन बाद पहली कटाई।
- उसके बाद हर 60–70 दिन पर कटाई।
- पत्तियाँ और पुष्पित शिखर तोड़कर सुखाया जाता है।
- एक पौधा लगभग 2–3 साल तक जीवित रहता है।
उत्पादन (Yield)
- हरी पत्तियाँ: 8–10 टन/हेक्टेयर/वर्ष।
- सूखी पत्तियाँ: 2–2.5 टन/हेक्टेयर।
- तुलसी का तेल: 60–70 किलो/हेक्टेयर।
तुलसी के फायदे (Benefits)
स्वास्थ्य लाभ
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीऑक्सीडेंट गुण।
- श्वसन रोगों, पाचन और त्वचा रोगों में फायदेमंद।
किसानों के लिए फायदे
- कम लागत, ज्यादा मुनाफा।
- तुलसी का तेल और पत्तियों की बाजार में अच्छी डिमांड।
- दवा, आयुर्वेद और हर्बल इंडस्ट्री में हमेशा उपयोग।
- खेती के साथ घरेलू पूजा व धार्मिक महत्व भी।
मुनाफा (Profitability)
- खेती लागत: ₹25,000–35,000 प्रति हेक्टेयर (बीज, खाद, मजदूरी आदि)।
- आमदनी:
- सूखी पत्तियाँ: ₹60,000–80,000/हेक्टेयर
- तेल बेचने पर: ₹1.2–1.5 लाख/हेक्टेयर तक
- शुद्ध मुनाफा: ₹60,000–1 लाख प्रति हेक्टेयर प्रतिवर्ष।
देखभाल (Care Tips)
- अधिक पानी न दें, वरना जड़ें सड़ सकती हैं।
- समय-समय पर छंटाई करें।
- रोग और कीट नियंत्रण के लिए नीम का अर्क या जैविक दवा प्रयोग करें।
- पौधों के आसपास खरपतवार साफ रखें।
निष्कर्ष
तुलसी एक ऐसी फसल है जो धार्मिक, औषधीय और औद्योगिक तीनों दृष्टिकोण से किसानों को लाभ देती है।
कम लागत, कम देखभाल और लगातार कटाई से अच्छी आमदनी मिलती है