हल्दी क्या है?
- हल्दी एक औषधीय और मसालेदार पौधा है।
- यह अदरक की प्रजाति का कंद (rhizome) है।
- इसका वैज्ञानिक नाम Curcuma longa है।
- भारत हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
हल्दी का उपयोग (Uses of Turmeric)
✅ खाद्य उपयोग
- मसाले के रूप में सब्ज़ियों और दालों में।
- रंग और स्वाद बढ़ाने में।
✅ औषधीय उपयोग
- एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक।
- घाव भरने में।
- पाचन सुधारने और सूजन कम करने में।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में।
✅ औद्योगिक उपयोग
- हल्दी से कुर्कुमिन (Curcumin) निकाला जाता है।
- कॉस्मेटिक, आयुर्वेदिक दवाएँ, और रंग बनाने में।
हल्दी की खेती (Cultivation of Turmeric)
जलवायु (Climate)
- गर्म और आर्द्र जलवायु।
- तापमान 20°C–35°C उपयुक्त।
- अधिक बारिश और नमी वाली जगह पसंद।
मिट्टी (Soil)
- दोमट, बलुई दोमट या लाल मिट्टी।
- अच्छी जल-निकासी वाली।
- pH 5.5–7.5 सही।
बीज/रोपण सामग्री (Seed Material)
- हल्दी कंद (rhizomes) 25–30 ग्राम वजन के।
- 800–1000 किलो कंद/हेक्टेयर बीज के रूप में।
बुवाई का समय (Planting Time)
- मई–जून (बरसात के शुरू में)।
बोने की विधि (Sowing Method)
- कंदों को कतार में बोते हैं।
- कतार से कतार दूरी: 45–60 सेमी।
- पौधे से पौधे की दूरी: 20–25 सेमी।
खाद और सिंचाई (Manure & Irrigation)
- गोबर की खाद: 20–25 टन/हेक्टेयर।
- रासायनिक खाद (NPK) – 100:50:50 किलो/हेक्टेयर।
- पहली सिंचाई रोपाई के तुरंत बाद।
- बरसात में ज्यादा पानी की जरूरत नहीं।
- गर्मियों में 15–20 दिन पर सिंचाई।
देखभाल (Care & Management)
निराई-गुड़ाई
- 2–3 बार निराई-गुड़ाई करें।
- मिट्टी चढ़ाना (Earthing up) करें ताकि कंद अच्छे बनें।
खरपतवार नियंत्रण
- समय पर खरपतवार निकालें।
- मल्चिंग (पत्तियों से ढकना) करें।
रोग और कीट
- पत्ती झुलसा (Leaf spot) → कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव।
- राइजोम सड़न (Rhizome rot) → जलभराव न होने दें, नीम खली का प्रयोग।
- तना छेदक कीट → नीम तेल या जैविक कीटनाशक।
फसल की कटाई (Harvesting)
- हल्दी की फसल 7–9 महीने में तैयार होती है।
- जब पत्तियाँ पीली होकर सूखने लगें तो खुदाई करें।
- कंदों को उखाड़कर अच्छी तरह साफ करें।
- उबालकर सुखाएँ और फिर पॉलिश करें।
उत्पादन (Yield)
- कच्ची हल्दी: 200–250 क्विंटल/हेक्टेयर।
- सूखी हल्दी: 40–50 क्विंटल/हेक्टेयर।
मुनाफा (Profitability)
लागत
- ₹70,000–90,000 प्रति हेक्टेयर।
आमदनी
- सूखी हल्दी का भाव: ₹100–₹150 प्रति किलो।
- कुल आमदनी: ₹4–6 लाख प्रति हेक्टेयर।
शुद्ध मुनाफा
- ₹2.5–3.5 लाख प्रति हेक्टेयर (8–9 महीने में)।
फायदे (Benefits for Farmers)
- मसाला और दवा उद्योग में हमेशा डिमांड।
- हल्दी पाउडर, कुर्कुमिन और तेल बेचकर अतिरिक्त मुनाफा।
- लंबे समय तक स्टोर कर सकते हैं।
✅ निष्कर्ष
हल्दी एक लाभकारी मसाले और औषधीय फसल है।
इसे सही जलवायु और मिट्टी में लगाने पर किसान कम लागत में लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं।
यह लंबे समय तक सुरक्षित रहने वाली कैश क्रॉप है।